करमसोत राठौड़ वंश के पितृ पुरुष एवं खींवसर के संस्थापक राव करमसी की जयंती 8 दिसंबर को खींवसर दुर्ग में समारोह पूर्वक मनाई गई। समारोह के दौरान मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के सहायक निदेशक डॉ. महेंद्र सिंह तंवर द्वारा लिखित पुस्तक 'करमसोतों का गौरवमयी इतिहास' का विमोचन भी किया गया। 12 वर्ष की अवधि में तैयार 950 पेज की इस पुस्तक में करमसोत राठौड़ वंश की 11 शाखाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद गजसिंह जोधपुर ने कहा कि राव करमसी जैसे महापुरुषों का इतिहास हमें प्रेरणा देकर हमारे लिए आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता है। ऐसे गौरवशाली इतिहास के संकलन और प्रकाशन का कार्य निरंतर होते रहना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ियों को अपने सही इतिहास की जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि करमसोत शाखा के राठौड़ वंश की जोधपुर राज्य के इतिहास में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसलिए इस पुस्तक का प्रकाशन हम सभी के लिए गर्व का विषय है। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि शोधपूर्ण इतिहास के संकलन के लिए लेखक के प्रयास सराहनीय हैं। कई वर्षों की मेहनत से उन्होंने ये पुस्तक तैयार की है, जिसका हम सभी को अध्ययन करना चाहिए। राजस्थान विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अपने महान और वीर पूर्वजों को स्मरण करना हमारा कर्तव्य है। जिन क्षत्रिय वीरों ने हजारों वर्षों से इस देश की रक्षा के लिए बलिदान का मार्ग अपनाया है, उन्हें अवश्य याद किया जाना चाहिए। जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह ने कहा कि क्षत्रिय समाज सदैव सभी के संरक्षक एवं पालक की भूमिका निभाते आया है। उसी के अनुरूप वर्तमान में भी हमें सबको साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। बीकानेर पूर्व से विधायक सिद्धि कुमारी, पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी, राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य कर्नल केसरी सिंह राठौड़, राजकोट के मांधाता सिंह, दैवत सिंह सिरोही, कृष्ण चंद्रपाल सिंह करौली, जितेंद्र सिंह जैसलमेर, भवानी सिंह कालवी, अभिमन्यु सिंह राजवी, धनंजय सिंह खींवसर, मृगेशा कुमारी सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।