श्री राणी रूपादे मंदिर जी (पालिया) का सातवां पाटोत्सव समारोह संपन्न : प्रतिभाओं का भी हुआ सम्मान

बालोतरा जिले के तिलवाड़ा में स्थित श्री राणी रूपादे जी मंदिर (पालिया) के सातवें वार्षिक पाटोत्सव के उपलक्ष्य में 5-6 दिसंबर को श्री रावल मल्लीनाथ व श्री राणी रूपादे संस्थान, तिलवाड़ा द्वारा विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्तगण उपस्थित रहे। मंदिर संस्थान के सचिव सुमेरसिंह वरिया ने बताया कि हवन पूजन से प्रारंभ पाटोत्सव में पुष्कर से आए नगाड़ा कलाकारों और मालाणी सांस्कृतिक कला केंद्र जसोल के गैर नृत्य कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। गोपाल राम जी महाराज (गढ़ सिवाना) के सान्निध्य में संस्थान अध्यक्ष रावल किशन सिंह जसोल के द्वारा मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया गया। अपने संबोधन में जसोल ने कहा कि राणी रूपादे जी और रावल मल्लीनाथ जी का जीवन चरित्र हर किसी के लिए प्रेरणादायक और कल्याणकारी है। उनके बताए मार्ग पर चलकर मनुष्य न केवल उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकता है, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि ये भूमि वीर योद्धाओं व महान तपस्वी संतों की है। राणी रूपादे जी व रावल मल्लीनाथ जी ने अपने जीवन काल में जिस विचारधारा का प्रसार किया, उसका हर वर्ग, सम्प्रदाय व जाति के लोगों ने अनुसरण किया। हमें भी उनके दिखाए गए मार्ग पर चलना है और इस भूमि के गौरव को बढ़ाना है।



इस अवसर पर प्रतिभा सम्मान का कार्यक्रम भी हुआ जिसमें आरएएस-2021 परीक्षा में चयनित प्रतिभाओं के साथ-साथ बास्केटबॉल, हैंडबॉल और हॉकी में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित एवं पदक विजेताओं का सम्मान भी किया गया। मंच संचालन दीपसिंह रणधा द्वारा किया गया। संस्थान अध्यक्ष द्वारा पालिया परिसर में स्थित श्री गोगाजी मंदिर (मणिधारी नाग देवता), श्री शिव मंदिर, श्री नागणेच्या माता मंदिर और मालाजाल परिसर में स्थित श्री रावल मल्लीनाथ जी मंदिर, दक्षिण मुखी प्राचीन श्री हनुमान जी मंदिर और श्री जोगमाया मंदिर के जीर्णोद्धार की घोषणा भी की गई जिसके लिए उपस्थित भक्तजनों से भी भागीदारी का आह्वान किया गया। कार्यक्रम के रात्रि कालीन सत्र में श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल द्वारा भव्य रात्रि जागरण का आयोजन किया गया जिसमें भजन गायकों कालूसिंह गंगासरा और रणवीरसिंह राठौड़ ने रावल मल्लीनाथ और राणी रूपादे के जीवन चरित्र पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां दी। भजन संध्या के दौरान आयोजित मध्य रात्रि आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, भक्तगण और मंदिर संस्थान के समिति सदस्यगण आदि उपस्थित रहे। समारोह के दौरान डिंगल रसावल यूट्यूब चैनल द्वारा रचित रावल मल्लीनाथ जी के चार महायुद्धों का वर्णन भी एलईडी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

Path prerak

8th December, 2024