राज्य भर में मनाया श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन का सातवां स्थापना दिवस : 'क्षात्र धर्म व संविधान' विषय पर हुआ विचार गोष्ठियों का आयोजन

श्री क्षत्रिय युवक संघ के आनुषंगिक संगठन श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन का सातवां स्थापना दिवस 12 जनवरी को पूरे राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर मनाया गया। स्थापना दिवस के अवसर पर अनेक स्थानों पर 'क्षात्रधर्म और भारतीय संविधान' विषय पर विचार गोष्ठियों का आयोजन भी किया गया। श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक माननीय श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर ने बाड़मेर स्थित आलोक आश्रम में स्थापना दिवस पर दिए अपने संदेश में कहा कि श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन का सातवां स्थापना दिवस आज मनाया जा रहा है। यह फाउंडेशन युवाओं को श्री क्षत्रिय युवक संघ से जोड़ने के साथ ही संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूक करने, इतिहास का संरक्षण करने, सभी समाजों के साथ समन्वय स्थापित करने सहित अनेकों कार्य कर रहा है। यह संगठन क्षत्रियों का है लेकिन क्षत्रिय सभी की रक्षा करने वाला होता है इसलिए यह जातिगत संगठन ना होकर सभी को साथ लेकर चलने वाला है जो राष्ट्रीय और मानवीय मूल्यों को लेकर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन का कार्य छोटा कार्य नहीं है बल्कि महान कार्य है और कोई भी महान कार्य परमेश्वर की कृपा के बिना पूरा नहीं हो सकता। परमेश्वर की कृपा तभी प्राप्त होगी जब हम ईमानदारी और निष्ठा के साथ निरंतर कार्य करते रहें। जयपुर स्थित संघ के केंद्रीय कार्यालय संघशक्ति में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री प्रताप फाउंडेशन के संयोजक माननीय महावीर सिंह जी सरवड़ी ने कहा कि श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन में मुख्य तत्व पुरुषार्थ है। हमें विचार करना होगा कि क्या हममें वह पुरुषार्थ है? यदि नहीं है तो उसे विकसित करना होगा। उसके लिए पूर्वजों द्वारा प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा को उभारना होगा और उस उभरी हुई शक्ति को संयोजित करके संगठित रूप देना होगा। इस शक्ति को प्राप्त करने पर ही राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों में हो रही हमारे समाज की उपेक्षा भी समाप्त हो सकेगी। कार्यक्रम में जयपुर शहर में रहने वाले सहयोगी व समाजबंधु सम्मिलित हुए।



पाली जिले के सुमेरपुर में भी स्थापना दिवस एवं विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें संघ के केंद्रीय कार्यकारी व फाउंडेशन के समन्वयक रेवन्त सिंह पाटोदा ने कहा कि आज 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी का जन्म दिवस भी है। भारतीय धर्म संस्कृति की वैज्ञानिकता और महानता को अपने ओजस्वी व्यक्तित्व से पूरे विश्व में स्थापित करने वाले विवेकानंद जी की क्षमताओं का वास्तविक स्रोत उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस की कृपा में था। उसी भांति श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन काफी प्रेरणा स्रोत श्री क्षत्रिय युवक संघ ही है। जब तक संघ की प्रेरणा और आशीर्वाद फाउंडेशन को मिलता रहेगा तब तक वह अपने मार्ग पर निरंतर बढ़ता रहेगा। यह तभी संभव होगा जब हम संघ और पूज्य तनसिंह जी के जीवन दर्शन को आत्मसात करके समर्पित होकर समाज में कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि आज अनेक स्थानों पर 'क्षात्र धर्म एवं संविधान' विषय पर इस प्रकार की विचार गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। भारतीय संविधान को अंगीकार करने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इन गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। हमें यह बात समझने एवं युवाओं को समझने की आवश्यकता है कि संविधान उन्हीं मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है जिन मूल्यों को अपना कर हमारे पूर्वजों ने भारत के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति का निर्माण किया था। हमारे पूर्वजों ने उस समय की व्यवस्था को पूरा सम्मान देकर उस व्यवस्था के अनुरूप अपने क्षात्र धर्म का पालन किया इस प्रकार हमें भी आज की व्यवस्था के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण को त्याग कर इस व्यवस्था को स्वीकार कर इसी के अनुरूप अपने क्षात्र धर्म का पालन करना है। फाउंडेशन इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। जालौर एवं आहोर में हुए स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी समन्वय पाटोदा सहयोगियों के साथ उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त पाली, बाड़मेर, बाली, रानी, फालना, सिरोही, रेवदर, पिंडवाड़ा, आबू रोड, जोधपुर, नीमकाथाना, डीडवाना, केकड़ी, सरवाड़, जैसलमेर, उदयपुर, सिनला (जैतारण), तारानगर (चूरू), बीकानेर, बड़ागुड़ा (सोजत), लाडनूं, नाथद्वारा, सिवाणा, सीकर, नागौर, डेगाना, परबतसर, जायल, मेड़ता, डूंगरनगर (जैतारण) और पंचवटी (भीलवाड़ा) आदि स्थानों पर भी स्थापना दिवस मनाया गया एवं विचार गोष्ठियों का आयोजन हुआ।

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13th January, 2025