बोडिंद कलां में मनाई राव कूंपा जी की 522वीं जयंती

गिरी सुमेल युद्ध के नायक राव कूंपा जी मेहराजोत की 522वीं जयंती जायल क्षेत्र के बोडिंद गांव में आज 12 दिसम्बर 2024 को मनाई गई। श्री क्षत्रिय युवक संघ के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में हनुमान सिंह बोडिंद ने राव कूंपा जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हम गिरी सुमेल युद्ध के महानायक राव कूंपा जी के वंशज हैं। कूंपा जी ने अपने जीवन में जितने भी युद्ध लड़े, उन सभी युद्धों में वे अजेय रहे। उन्होंने राव मालदेव के नेतृत्व में जोधपुर से लेकर मेड़ता, छोटी खाटू, डीडवाना होते हुए नारनौल तक राठौड़ सत्ता की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गिरी सुमेल का युद्ध उनका अंतिम युद्ध था जिसमें उन्होंने अद्भुत रणकौशल और पराक्रम का परिचय दिया जिससे प्रभावित होकर शेरशाह सूरी को यह कहना पड़ा कि मैं मुठ्ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की सल्तनत खो देता। कार्यक्रम को रूघवीर सिंह चौमूं, श्याम सिंह छापड़ा, हुकुम सिंह राजोद ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन संघ के डीडवाना प्रांत प्रमुख जयसिंह सागु ने किया। कार्यक्रम में राव कूंपा जी के तीन गांव - सागु बड़ी, चौमूं व बोडिंद कलां के वंशजों ने भाग लिया।

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12th December, 2024